भारत के उत्तरी राज्य बिहार में ग्रामीण महिलाओं का ए

अप्पन समाचार (हमारा समाचार) नामक इस समाचार कार्यक्रम को इसी महीने यानी दिसंबर 2007 के शुरू में पहली बार टेलीविज़न पर दिखाया गया था और तभी से ये मुजफ्फरपुर ज़िले के एक दर्जन से अधिक गाँवों में काफ़ी लोकप्रिय हो गया है. इसे कभी प्रोजेक्टर पर और कभी किराए के वीडियो प्लेयर और एक बड़े टेलीविजन सेट पर दर्शकों के सामने पेश किया जाता है.
कार्यक्रम का निर्माण गंडक नदी के किनारे स्थित रामलीला गाची गाँव के एक अंधेरे से कमरे में किया जाता है जिसमे एक मेज़, दो कुर्सियां, एक पुराना टेलीविजन मौजूद है और फ़र्श पर तारों का जाल बिछा है. गाँव में पिछले चार साल से बिजली नहीं है और यहाँ अभी तक केबल टेलीविजन और लैंडलाइन फोन नहीं पहुँचे हैं. रामलीला गाची

अनीता कुमारी उम्र में कुछ बड़ी हैं लेकिन अपने मोहक व्यक्तित्व की वजह से इलाक़े में काफी मशहूर हैं.
अप्पन समाचार बहुत कम संसाधनों के सहारे तैयार किया जाता है
अनीता कहती हैं, “मैं पानी, बिजली, किसानों की परेशानियों और महिलाओं के विषयों पर समाचार एकत्र करती हूं और फिर उन समाचारों को गाँव के बाज़ार में दिखाया जाता है जिससे प्रत्येक व्यक्ति इन्हें देखकर इनके बारे में सोच सके. इसी तरह कैमरा संभालने वाली रूबी कुमारी और नवविवाहित स्क्रिप्ट लेखिका रूमा देवी भी अपनी जिम्मेदारी बख़ूबी निभाती हैं.
इन दोनों ने बताया कि वे प्रतिदिन ऐसे विषय खोजती हैं जो ग्रामीणों को प्रभावित करते हैं और फिर इन पर प्रत्येक कोण को ध्यान में रखकर काम किया जाता है और फिर इन्हें प्रदर्शित किया जाता है.
इस अनोखे कार्यक्रम की योजना एक सामाजिक कार्यकर्ता संतोष सारंग की देन है. इस कार्यक्रम के पहले संस्करण में महिलाओं के सशक्तिकरण, निर्धनता और कृषि की समस्याओं से संबंधित समाचार दिखाए गए थे. गाँव में बिजली नहीं होने की वजह से 'अप्पन समाचार' ने प्रोजेक्टर और अन्य उपकरणों को बिजली की आपूर्ति के लिए जेनरेटर किराए पर लिया है.
संतोष सारंग ने बताया कि जल्द ही इस कार्यक्रम को प्रत्येक सप्ताह दिखाया जाएगा.
गाँव के लोग इस बात से काफी खुश हैं कि उनकी समस्याओं को टेलीविजन पर दिखाया जा रहा है और इलाके के सभी लोग उनकी आवाज़ सुन रहे हैं.
उन्हें उम्मीद है कि उनकी आवाज़ सरकारी लोगों के कानों तक भी पहुँचेगी.
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